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Uttarakhand MCQ Based Question (Part-1)

Uttarakhand MCQ Based Question (Part-1)

Uttarakhand MCQ Based Question (Part-1)

Uttarakhand MCQ Based Question


 1. पृथक् ‘उत्तराखंड' राज्य अस्तित्व में आयाः

(a) 9 नवम्बर, 2000 को ✔

(b) 1 नवम्बर, 2000 को 

(c) 5 नवम्बर, 2000 को 

(d) 7 नवम्बर, 2000 को


2. उत्तराखंड राज्य को देश की सीमाएं स्पर्श करती हैं: 

(a) तिब्बत-बांग्लादेश 

(b) तिब्बत-नेपाल ✔

(c) नेपाल-पाकिस्तान

(d) तिब्बत-पाकिस्तान


3. नवम्बर, 2000 में गठित भारत के राज्यों में उत्तराखंड का क्रम है: 

(a) 25वाँ 

(b) 26वाँ

(c) 27वाँ ✔

(d) 28वाँ


4. उत्तराखंड का सर्वाधिक उच्च पर्वत शिखर है:

(a) नन्दा देवी ✔

(b) पंचचूली 

(c) नन्दाकोट

(d) त्रिशूल


5. पृथक् राज्य उत्तराखंड के गठन हेतु सर्वप्रथम राजनीतिक समर्थन दियाः 

(a) प. गोविन्द बल्लभ पंत ने 

(b) पं. जवाहर लाल नेहरू ने ✔

(c) श्रीमती इन्दिरा गांधी ने

(d) राजीव गांधी ने


6. उत्तराखंड में जिलों की संख्या है: 

(a) 13 ✔

(b) 14

(c) 16

(d) 15


7. उत्तराखंड हेतु गठित पहला आयोग थाः 

(a) पन्त आयोग 

(b) फजल अली आयोग ✔

(c) कौशिक आयोग  

(d) इनमें से कोई नहीं


8. उत्तराखंड में स्थित शिवालिक पर्वतमाला को हरिद्वार के निकट किस नाम से जाना जाता है? 

(a) डुण्डवा

(b) चुरिया 

(c) ऋषिकेश

(d) नहान ✔


9. उत्तराखंड राज्य किस प्राकृतिक सम्पदा हेतु सम्पन्न माना जाता है? 

(a) वन सम्पदा 

(b) खनिज सम्पदा 

(c) गैस सम्पदा

(d) जल सम्पदा ✔


10. उत्तराखंड में सर्वाधिक ऊँचाई पर स्थित पहाड़ी स्थान कौन सा है? 

(a) मसूरी ✔

(b) देहरादून

(c) नैनीताल 

(d) रानीखेत


11. पृथक् राज्य ‘उत्तराखंड' के गठन हेतु प्रथम संकल्पना करने वाले क्षेत्रीय नेता थे: 

(a) पं गोविन्द बल्लभ पन्त 

(b) बद्रीदत्त पाण्डेय ✔

(c) नारायण दत्त तिवारी 

(d) डॉ. मुरली मनोहर जोशी 


12. उत्तराखंड में ऊपरी गंगा नहर का उद्गम निम्नलिखित में से किस स्थान से हुआ है?

(a) बनबसा

(b) ओखला

(c) नरौरा

(d), हरिद्वार ✔


13. पृथक् उत्तराखंड हेतु गठित पहली राजनीतिक पार्टी है:

(a) भारतीय जनता पार्टी 

(b) उत्तराखण्ड क्रान्ति दल ✔

(c) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

(d) समाजवादी पार्टी


14. उत्तराखंड में स्थित ऋषिकेश तीर्थस्थान किस नदी के किनारे स्थित है?

(a) गंगा ✔

(b) घाघरा

(c) यमुना

(d) शारदा


15. पृथक् उत्तराखंड हेतु प्रथम सर्वदलीय सम्मेलन आयोजित हुआः 

(a) पौड़ी गढ़वाल में 

(b) नैनीताल में 

(c) कर्ण प्रयाग में ✔

(d) देहरादून में


16. उत्तराखंड राज्य का क्षेत्रफल है:

(a) 59,950 वर्ग कि.मी. 

(b) 53,960 वर्ग कि.मी.

(c) 57,970 वर्ग कि.मी. 

(d) 53,484 वर्ग कि.मी. ✔


17. उत्तराखंड में 'सातताल' झील कहाँ स्थित है? 

(a) नैनीताल ✔

(b) अल्मोड़ा

(c) गढ़वाल 

(d) देहरादून


18. पृथक् उत्तराखंड हेतु प्रथम प्रदर्शन नई दिल्ली में आयोजित हुआः 

(a) 1985 में 

(b) 1986 में

(c)1987 में ✔

(d) 1989 में


19. 'पायराइट्स फॉस्फेट्स एण्ड केमीकल्स लिमिटेड' द्वारा उत्तराखंड के किन जिलों में रॉक फॉस्फेट्स' उत्खनन का कार्य किया जा रहा है? 

(a) गढ़वाल-नैनीताल

(b) देहरादून-टिहरी गढ़वाल ✔

(c) देहरादून-ऊधमसिंह नगर

(d) चम्पावत-पिथौरागढ़


20. पृथक् उत्तराखंड हेतु केन्द्र को पारित प्रस्ताव भेजने वाली पहली उत्तर प्रदेश सरकार कौन थीः

(a) सपा सरकार 

(b) कांग्रेस सरकार 

(c) बसपा सरकार 

(d) भाजपा सरकार ✔


उत्तराखंड प्रदेश में स्थित प्रथम, सबसे बड़ा, सबसे लम्बा तथा सबसे ऊँचा

उत्तराखंड प्रदेश में स्थित प्रथम, सबसे बड़ा, सबसे लम्बा तथा सबसे ऊँचा

उत्तराखंड प्रदेश में स्थित प्रथम, सबसे बड़ा, सबसे लम्बा तथा सबसे ऊँचा

उत्तराखंड प्रदेश में स्थिति प्रथम, बड़ा, लम्बा तथा ऊँचा


1. उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला थे ।

2. उत्तराखंड के प्रथम मुख्यमन्त्री नित्यानन्द स्वामी थे।

3. उत्तराखंड उच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अशोक ए. देसाई थे। 

4. उत्तराखंड का प्रथम इंजीनियरिंग कालेज 1847 ई. में रुड़की में स्थापित किया गया। 

5. प्रदेश में प्रथम पब्लिक स्कूल की स्थापना 1935 ई. में श्री सी.आर. दास द्वारा की गई थी, जो इस समय दून पब्लिक स्कूल के नाम से प्रसिद्ध है।

6. प्रदेश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला उत्तरकाशी है। 

7. प्रदेश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला बागेश्वर है। 

8. उत्तराखंड का जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला हरिद्वार है। 

9. उत्तराखंड का जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जिला रुद्र प्रयाग है। 

10. प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी नन्दा देवी है जो 7817 मीटर की ऊँचाई पर है। 

11. प्रदेश में सबसे कम गर्मी रुड़की में पड़ती है।

12. प्रदेश का ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण भारत का पहला राष्ट्रीय पार्क 1935 में स्थापित हेली पार्क है, जिसे आजादी के बाद रामगंगा पार्क नाम मिला; आज इसे जिम कार्बेट नेशनल पार्क कहा जाता है। 

13. प्रदेश की सबसे लम्बी नदी गंगा नदी है। 

14. प्रदेश की सबसे बड़ी झील भीमताल झील है। 

15. उत्तराखंड का सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला देहरादून है। 

16. प्रदेश का सबसे कम साक्षरता वाला जिला ऊधमसिंह नगर है।

17. प्रदेश का सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान मसूरी है। 

18. प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल मार्गरेट अल्वा हैं।



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उत्तराखंड समूह ग की परीक्षाओं के लिए उपयोगी 


उत्तराखंड राज्य का संक्षिप्त परिचय || Brief Introduction of Uttarakhand State || उत्तराखंड समूह ग के लिए उपयोगी

उत्तराखंड राज्य का संक्षिप्त परिचय || Brief Introduction of Uttarakhand State || उत्तराखंड समूह ग के लिए उपयोगी


उत्तराखंड राज्य का संक्षिप्त परिचय


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• राज्य का वर्तमान नाम : 1 जनवरी  2007 से उत्तराखंड [UTTARAKHAND]

• स्थापना  : 9 नवम्बर, 2000

• राजधानी देहरादून : (अस्थायी)

• उच्च न्यायालय : नैनीताल

• भौगोलिक स्थिति : 28°42' उत्तरी अक्षांश से 31°28' उत्तरी अक्षांश तथा 77°35' पूर्वी देशान्तर से 81°5' पूर्वी देशान्तर तक

• भौगोलिक सीमाएं : पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हरियाणा और हिमाचल प्रदेश, उत्तर में हिमाचल प्रदेश और चीन, दक्षिण में उत्तर प्रदेश 

• देश का राज्य : 27वाँ

• क्षेत्रफल : 53,483 वर्ग किलोमीटर

• लम्बाई : पूर्व से पश्चिम की ओर 358 Km..

• चौड़ाई : उत्तर से दक्षिण की ओर 320 Km

• राज्य का आकार : लगभग आयताकार

• मण्डल : 03 (कुमायूँ, गढ़वाल, गैरसैंण)

• जिलों की संख्या : 13 (अल्मोड़ा, नैनीताल, बागेश्वर, चम्पावत, पिथौरागढ़, पौड़ी गढ़वाल, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, देहरादून, ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग तथा हरिद्वार)

• तहसीलों की संख्या  : 110

• उप तहसीलें : 18

• विधान मण्डल : एक सदनात्मक (विधान सभा)

• वर्तमान विधान सभा सीटें : 70 (1 विधायक राज्यपाल द्वारा एंग्लो-इण्डियन समुदाय से मनोनीत, कुल 71 विधायक) अनुसूचित जनजाति 03 सीट आरक्षित , अनुसूचित जाति-12 सीट आरक्षित

• लोक सभा क्षेत्र : 5 (अल्मोड़ा, नैनीताल, टिहरी, तथा हरिद्वार (आरक्षित),गढ़वाल

• राज्य सभा की सदस्य संख्या : 3 सदस्य

• क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में स्थान : 18वाँ

• राजकीय पशु : कस्तूरी मृग (MOSCHUS CHRYSOGASTER)

• राजकीय पक्षी : मोनाल (LOPHOORUS IMPEJANUS)

• राजकीय वृक्ष : बुरांश (RHODODENDRON ARBOREUM)

• राजकीय पुष्प : ब्रह्म कमल (SAUSSUREA OBVALLATA)

• राजकीय चिह्न  : गोल आकार की मुहर में तीन पर्वतों की श्रृंखला में ऊपर सम्राट अशोक की लाट दर्शाई गई है, जबकि नीचे गंगा की लहरों को दर्शाया गया है।

• प्रथम राज्यपाल : श्री सुरजीत सिंह बरनाला.

• प्रथम मुख्यमंत्री : श्री नित्यानंद स्वामी

• विधान सभा के प्रथम अध्यक्ष : स्व० श्री प्रकाश पंत

• प्रथम मुख्य न्यायाधीश : न्यायमूर्ति अशोक ए. देसाई.

• उत्तराखंड के प्रथम मुख्य सचिव : श्री अशोक कान्त शरण.

• उत्तराखंड के प्रथम पुलिस महानिदेशक : श्री अजय विक्रम सिंह

• उत्तराखंड का खाता खुला : कुल 2,192.08 करोड़ रुपए से (9 नवम्बर, 2000 को) 

• आय के मुख्य स्रोत : पर्यटन, वन-सम्पदा, खनिज सम्पदा, बागवानी तथा जल विद्युत परियोजनाएं, होम स्टे परियोजना।

• अन्य आय स्रोत :  मत्स्य, मशरूम, रेशम तथा कस्तूरी, जड़ी बूटी, फल-फूल, ऊन, चारा,

• जनसंख्या (वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार) : 10,086,292 व्यक्ति

• पुरुष जनसंख्या : 5,137,773

• महिला जनसंख्या : 4,948,519

• लिंगानुपात : 963 (1000 पुरुषों पर 963 महिलायें)

• जनसंख्या घनत्व : 189 व्यक्ति / वर्ग किलोमीटर

• जनसंख्या की दृष्टि से देश में स्थान : 20वाँ

• दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर (2001-2011) : 19.17 प्रतिशत 

• कुल साक्षरता : 79.63 प्रतिशत

• पुरुष साक्षरता : 88.33 प्रतिशत

• महिला साक्षरता : 70.70 प्रतिशत

• कुल साक्षर व्यक्तियों की संख्या : 69,97,433 

• साक्षर पुरुषों की संख्या : 39,30,174 

• साक्षर महिलाओं की संख्या : 30,67,259

• राज्य का सर्वाधिक साक्षर जिला : देहरादून (कुल साक्षरता 85.24 प्रतिशत)

• राज्य का न्यूनतम साक्षर जिला : ऊधमसिंह नगर (कुल साक्षरता 74.44 प्रतिशत )

• साक्षरता की दृष्टि से स्थान : 17वाँ

• प्रति व्यक्ति आय : 12,000 से अधिक.

• क्षेत्रफल की दृष्टि सबसे बड़ा जिला. : उत्तरकाशी (8,016 वर्ग किलोमीटर)

• क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला. : चम्पावत (1,766 वर्ग किमी०.)

• जनसंख्या की दृष्टि सबसे बड़ा जिला. : हरिद्वार (18,90,422).

• जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा जिला : रुद्रप्रयाग (2,42,285).

• कुल वन क्षेत्र : 38000 वर्ग किलोमीटर

• कृषि क्षेत्र : 12,61,915 हेक्टेयर

• सिंचित कृषि क्षेत्र : 56 प्रतिशत

• मुख्य पर्यटन-स्थल : नैनीताल, मसूरी, हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, हेमकुण्ड साहब, पिथौरागढ़, बागेश्वर, ऋषिकेश, रानीखेत, देहरादून तथा अल्मोड़ा

• बेस चिकित्सालय : 04 (श्री नगर, कोटद्वार, हल्द्वानी, अल्मोड़ा)

• जिला चिकित्सालय (महिला / पुरुष) : 19

• संयुक्त चिकित्सालय : 10

• अन्य चिकित्सालय : 19

• सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र : 86

• प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : 27

• अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र : 211

• राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय : 86

• पंजीकृत होमियोपैथिक अस्पताल : 60 

• पुलिस थाना  : 160

• पुलिस चैक पोस्ट (Out Post)  : 237

• मतदान केन्द्र : 7366

• राष्ट्रीय उद्यान : 6 (कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान, नन्दा देवी, फूलों की घाटी तथा राजाजी, गंगोत्री तथा गोविन्द राष्ट्रीय उद्यान)

• वन्य जीव विहार : 6 (केदारनाथ, अस्कोट, सोनानदी, गोविन्द, विन्सर तथा मसूरी वन्य जीव विहार)

• कुल पक्की सड़कें : 21,410 किमी.

• डाकघर : 2718 (लगभग) 

• प्राइमरी विद्यालय  : 12816

• जूनियर बेसिक विद्यालय  : 3908

• हायर सेकण्डरी विद्यालय : 2331

• कुल विश्वविद्यालय : 33

• डीम्ड विश्वविद्यालय : 3

• महाविद्यालय : 106

• केंद्रीय विश्वविद्यालय : 01

• अनुदानित महाविद्यालय : 18

• राज्य विश्वविद्यालय : 11

• प्रमुख लोकगीत : भैला तथा पाण्डव वादी-वादिन, लाग

• प्रमुख लोकनृत्य : जागर, झोड़ा, चाचरी, चौफुला, थड़या, झुमैलो तथा भोटिया-रासो। 

• प्रमुख उद्योग : फर्नीचर, ऊनी कपड़ा, कागज उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग,लकड़ी की छड़ी, खिलौने, खेल का सामान, आयुर्वेदिक दवा निर्माण।

• कुल ग्राम पंचायतें : 7,950

• न्याय पंचायत : 670

• कुल नगर पंचायत : 47

• गांवों की कुल संख्या : 16,674

• आबाद गांव : 15,745 

• उत्तराखंड के 15 लाख से अधिक जनसंख्या वाले जिले : देहरादून (16,98,560 जनसंख्या) ऊधमसिंह नगर (16,48,367),हरिद्वार (19,27,029 जनसंख्या)

• नगरपालिका परिषद्  : 39

• विकास खंड (Block) : 95

• उत्तराखंड के हवाई अड्डे : पंतनगर (नैनीताल) जौली ग्रांट (देहरादून) नैनीसैनी (पिथौरागढ़)

• मुख्य आकाशवाणी केन्द्र : अल्मोड़ा, पौड़ी गढ़वाल, पंतनगर, पिथौरागढ़ आदि।

• राजकीय सड़क परिवहन  निगम क्षेत्र. : देहरादून, कुमायूँ (नैनीताल).

• मुख्य भाषा : हिन्दी, गढ़वाली, कुमाउँनी, उर्दू, बंगाली, पंजाबी

• प्रमुख धर्म प्रमुख फसलें : हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन

• प्रमुख फसले : गेहूं, चावल, चना, जौ, मक्का, बाजरा, मटर 

• नकदी फसलें  : गन्ना, चाय, कपास, तिल, सरसों, तम्बाकू, मूंगफली 

• प्रमुख फल : आम, अमरूद, माल्टा, नींबू, जामुन, संतरा, सेब, लीची, शफतालू, काफल, हिसालू आदि।



#उत्तराखंड समूह ग की परीक्षा में अवश्य लाभकारी

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Note:- यह जानकारी विभिन्न विभागों की site से ली गयी है यदि इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि आपको मिलती है तो comment section में जाकर उचित प्रमाण के साथ comment करे।

उत्तराखंड राज्य की प्राकृतिक रूपरेखा  ||  Natural Profile of Uttarakhand State

उत्तराखंड राज्य की प्राकृतिक रूपरेखा || Natural Profile of Uttarakhand State

उत्तराखंड राज्य की प्राकृतिक रूपरेखा -


उत्तराखंड, भारत के सीमान्त राज्यों में से एक है। यहाँ का अधिकांश भाग पर्वतीय है। इस राज्य के उत्तर में हिमाचल प्रदेश एवं चीन, पूर्व में नेपाल, दक्षिण में उत्तर प्रदेश, पश्चिम में हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश स्थित हैं। हिमालय की तलहटी में बसा ' उत्तराखंड ' मध्य हिमालय में 28°42' उत्तरी अक्षांश से 31°28' उत्तरी अक्षांश तथा 77°35' पूर्वी देशान्तर से 81°5' पूर्वी देशान्तर के बीच स्थित है। इस राज्य का आकार लगभग आयताकार है।


उत्तराखंड राज्य की प्राकृतिक रूपरेखा




उत्तराखंड का लगभग 88 प्रतिशत भू-भाग पहाड़ी है। भूगर्भ की संरचना, नदी-घाटियां, प्राकृतिक वनस्पति, धरातल विन्यास की विविधता, पर्वत शिखरों की छटा, बर्फीले दरों और ग्लेशियरों आदि ने इसके प्राकृतिक भू-दृश्य को एक विशेष स्थिति प्रदान की है। 

उत्तराखंड को स्पष्ट रूप से तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित किया जा सकता है—


(1) महान हिमालय

(2) मध्य हिमालय

(3) शिवालिक तथा दून की पहाड़ियाँ


1. महान हिमालय : इस प्राकृतिक उपभाग को हिमाद्रि के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्वतीय भाग लगभग 50 कि.मी. की चौड़ाई में फैला है जिसकी अधिकांश पर्वत श्रृंखलाएं 4,800 से 6,000 मीटर तक ऊंची हैं। इस भाग में अनेक हिमनद भी पाए जाते हैं। परिणामस्वरूप भागीरथी, अलकनन्दा और यमुना आदि नदियों के उद्गम स्थल यहां पर स्थित हैं। हिमालय के इस भाग की मिट्टी तलछट की चट्टानों से निर्मित है जो अनेक स्थानों पर कट-छंटकर घाटियों के रूप में परिवर्तित हो गई है। 


इस भाग में स्थित प्रमुख पर्वत चोटियों में नन्दा देवी (7,817 मीटर), कामेत (7,756 मीटर), बन्दरपूँछ (6,315 मीटर), माणा (7,273 मीटर), नन्दादेवी पूर्वी (7,434 मीटर), चौखम्भा (7,138 मीटर), त्रिशूल (7,120 मीटर), दूनागिरि (7,066 मीटर), पंचचूली (6,904 मीटर), नन्दाकोट (6,861 मीटर), बद्रीनाथ (7,138 मीटर) आदि हैं। इसके अतिरिक्त केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री आदि प्रमुख हिमनद हैं, जिनकी ऊँचाई 6000 मीटर से अधिक है। यह भू-भाग जलवायु की दृष्टि से सबसे ठण्डा स्थान है क्योंकि इस क्षेत्र में स्थित चोटियां सदा हिमाच्छादित रहती हैं। महान हिमालय का भाग अत्यन्त पथरीला और कटा-फटा है जो अनेक पंखाकार आकृति वाली मोड़दार शृंखलाओं द्वारा बना है। इस भाग में मुख्य रूप से गंगा नदी अपवाह तन्त्र, यमुना नदी अपवाह तन्त्र तथा काली नदी अपवाह तन्त्र विद्यमान हैं। ये नदियां महान हिमालय के उच्च पर्वत शिखरों पर स्थित हिमनदों से पूरे वर्ष जल प्राप्त करती रहती हैं। पश्चिमी भाग को छोड़कर लगभग सारे भाग में गंगा नदी अपवाह तन्त्र विद्यमान है। इस भाग में वर्षा अधिकांशतः जून से मध्य सितम्बर तक होती है जिसकी मात्रा 100-200 से.मी. तक होती है। शीत ऋतु में वर्षा नाम मात्र की होती है, थोड़ी-सी वर्षा हिमपात के रूप में होती है। ग्रीष्मकाल में होने वाली वर्षा मानसूनी प्रकार की होती है जो कि पर्वतों को पार कर उत्तर की ओर नहीं जा पाती।

हिमालय के इस भाग में शीतोष्ण कटिबन्धीय सदाबहार प्रकार की वनस्पति पाई जाती है। इस क्षेत्र में सर, फर, साल, चीड़ और सागौन आदि के वृक्ष प्रमुख रूप से पाए जाते हैं। वृक्ष 10,000 फीट की ऊंचाई तक पाए जाते हैं तथा इससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्र में अनेक प्रकार की झाड़ियां और घास आदि ही पाए जाते हैं। पर्वतीय भाग में स्थित घाटियों के निचले क्षेत्रों में वनस्पति का पूर्णतः अभाव पाया जाता है। यहां के निवासियों का प्रमुख कार्य पशु-पालन है, कृषि केवल घाटियों के निचले क्षेत्रों में ही होती है।


2. मध्य हिमालय : हिमालय के पर्वतीय भाग का यह क्षेत्र महान हिमालय के दक्षिण में स्थित है। इसके अन्तर्गत अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, गढ़वाल, टिहरी, नैनीताल आदि जिले आते हैं। इस उप-भाग में पर्वत श्रेणियां सामान्यतः 3,000 से 4,000 मीटर तक ऊंची हैं जो प्रमुख श्रेणी के समानान्तर पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर विस्तृत हैं। इन पर्वत श्रेणियों के मध्य कहीं-कहीं पर घाटियां स्थित हैं। मध्य हिमालय भू-संरचना की दृष्टि से काफी नवीन भाग है, जिसमें मुख्य रूप से अवसादी चट्टानें विद्यमान हैं। ये अवसादी चट्टानें लगभग 2,000 मीटर की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में समतल मैदान के रूप में दिखाई देती हैं। जलवायु की दृष्टि से मध्य हिमालय उप-भाग में शीत ऋतु में कड़ाके की सर्दी पड़ती है। तापमान शून्य से भी नीचे पहुंच जाता है; परिणामस्वरूप बर्फ भी गिरती है। जबकि ग्रीष्मकाल में मौसम सुहावना रहता है। इस ऋतु में औसतन तापमान 18° से. से 20° से. तक रहता है। जुलाई में ग्रीष्मकालीन मानसून द्वारा यहां पर वर्षा अधिक होती है, जिसकी मात्रा 150 से.मी. तक हो जाती है, इस कारण वर्षा ऋतु में यहां की नदियों का जलस्तर काफी बढ़ जाता है। मध्य हिमालय के लगभग सभी भागों में ग्रीष्मकाल में पर्यटकों का आवागमन होता रहता है क्योंकि ग्रीष्मकाल में यहां का मौसम देश के मैदानी भागों की अपेक्षा अधिक ठण्डा रहता है। लगभग सम्पूर्ण मध्य हिमालय का 50 प्रतिशत भाग वनों से आच्छादित है। इस क्षेत्र में चीड़, फर, देवदार, साल आदि के वृक्ष अधिक मात्रा में पाए जाते हैं। ये वन आर्थिक दृष्टि से बहुत उपयोगी हैं क्योंकि इन वृक्षों की लकड़ी फर्नीचर आदि बनाने के काम आती है।


3. शिवालिक तथा दून की पहाड़ियां : हिमालय के इस भाग को ‘पाद श्रेणियों' के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ये पहाड़ियां हिमालय के दक्षिण में स्थित हैं तथा अपेक्षाकृत निम्न ऊंचाई वाली हैं। उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर शिवालिक की पहाड़ियां काफी संकरी और नीचे की तरफ फैली हुई हैं। प्रमुख रूप से ये पहाड़ियां भी हिमालय पर्वत के समानान्तर ही फैली हुई हैं। शिवालिक के क्षेत्र में दक्षिणी अल्मोड़ा, मध्यवर्ती नैनीताल और देहरादून जिलों के भाग आते हैं जो 750 मीटर से 1500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। भू-संरचना की दृष्टि से ये पहाड़ियाँ हिमालय पर्वत से काफी अलग हैं। शिवालिक की पहाड़ियों के दक्षिणी भाग में कम ऊंची पहाड़ियाँ और लघु हिमालय के मध्य कई चपटी घाटियां स्थित हैं। इन घाटियों को 'दून' के नाम से पुकारा जाता है। 25 से 35 कि.मी. चौड़ाई एवं 350 से 750 मीटर ऊंचाई में फैली देहरादून जिले की यह घाटी काफी महत्त्वपूर्ण है। इस घाटी के आस-पास कोटा दून, पाटली दून, कोठारी दून, किरयाना दून आदि घाटियां भी स्थित हैं। शिवालिक तथा दून की पहाड़ियों वाले क्षेत्रों में ग्रीष्म ऋतु, हिमालय के पर्वतीय भाग की अपेक्षा गर्म होती है। इस ऋतु में तापमान 28° से. से 33° से. तक रहता है, जबकि शीत ऋतु में तापमान 4° से. से लेकर 9° से. तक रहता है। परिणामस्वरूप शीत ऋतु में हिमपात के रूप में थोड़ी-सी वर्षा भी हो जाती है। इस भाग में वर्षा सामान्यतः वर्षा ऋतु और ग्रीष्म ऋतु में होती है। वर्षा की मात्रा 150 से 220 से.मी. तक रहती है। शिवालिक क्षेत्र में स्थित मसूरी, रानीखेत, चकराता, नैनीताल आदि भागों में ग्रीष्म ऋतु में मौसम काफी अच्छा रहता है, अतः मैदानी भागों से लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। इस भाग में प्राकृतिक वनस्पति काफी मात्रा में पाई जाती है। यहां शीशम, आंवला, साल, चीड़, देवदार, बांस, ओक, वर्च आदि के वृक्ष अत्यधिक मात्रा में पाए जाते हैं जो आर्थिक दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण हैं।


उत्तराखंड का परिचय

उत्तराखंड का परिचय

उत्तराखंड का सूक्ष्म और महत्वपूर्ण परिचय ---

उत्तराखंड एक हिमालयी राज्य है जो भारत का 27वां राज्य है।

उत्तराखंड राज्य 9 नवम्बर 2000 को बना।

उत्तराखंड में तीन मण्डल है जिसके अन्तर्गत 13 जिले है

उत्तराखंड में तीन मंडल कुमाऊं, गढ़वाल और गैरसैंण मण्डल हैं।

उत्तराखंड की अस्थाई राजधानी देहरादून हैं।

उत्तराखंड का क्षेत्रफल 53483 वर्ग किलोमीटर है,

उत्तराखंड का परिचय


उत्तराखंड पर्वतो से घिरे हिमालय की गोद में बसा हुआ एक पहाड़ी राज्य है। यह प्राचीन काल से ही देवी देवताओ और ऋषि मुनियो आदि का निवास-स्थल या जप तप स्थल एवं तप साधना का केंद्र रहा है। 
उत्तराखंड को पुराणों में 'मानस खण्ड', 'केदार खण्ड' एवं 'कूर्माचल' नाम दिया गया है। उत्तराखंड के ऐतिहासिक राजनीतिक तौर पर यह ज्ञात होता है कि अल्मोड़ा के चन्द राजवंश और श्रीनगर के पंवार राजवंश से पहले इस क्षेत्र में कत्यूरी नामक एक विशाल राज्य था, जिसके अन्तर्गत आधुनिक कुमायूँ, गढ़वाल, रुहेलखण्ड और पश्चिमी नेपाल का डोरीगढ़ आते थे। इस राज्य का केन्द्र आधुनिक अल्मोड़ा जिले की कत्यूर घाटी में बैजनाथ के समीप स्थित कार्तिकेयपुर नाम का नगर था।
कत्यूरी-युग के अन्तर्गत कुमायूँ-गढ़वाल पर निम्न सात राजवंशों ने शासन किया

(क) बागेश्वर लेख से ज्ञात बसन्तनदेव का राजवंश 
(ख) बागेश्वर लेख से ज्ञात खर्परदेव का राजवंश 
(ग) बागेश्वर, पाण्डुकेश्वर और कंडारा लेख से ज्ञात निम्बर का राजवंश
(घ) पाण्डुकेश्वर और बागेश्वर लेख से ज्ञात सलोणादित्य का राजवंश
(ङ) बैजनाथ लेख से ज्ञात पाल-वंश
(च) क्राचल्लदेव और अशोकचल्ल का शासन
(छ) आसन्तिदेव का राजवंश कत्यूर वंश के पतन के फलस्वरूप

यह क्षेत्र ‘चन्द' और 'पंवार' शासकों के शासन के अधीन रहा। इसी बीच कुमायूँ और गढ़वाल के रूप में इसका विभाजन हो गया। 

16वीं शताब्दी में गढ़वाल में ‘पंवार' और कुमायूँ में ‘चन्द' राजवंशों का एक साथ शासन था। 
सन् 1771 में ‘प्रद्युमन शाह' का गढ़वाल और कुमायूँ सहित सम्पूर्ण उत्तराखंड क्षेत्र पर अधिकार हो गया। उत्तराखंड का अन्तिम शासक ‘प्रद्युमन शाह' को ही माना जाता है।

सन् 1790 में कुमायूँ पर नेपाली गोरखाओं का अधिकार हो गया। सन् 1815 में अंग्रेजों ने गोरखाओं को हराकर उत्तराखंड पर अपना अधिकार कर लिया। सन् 1815 में उत्तराखंड 'ईस्ट इण्डिया कम्पनी' के अधीन हो गया। 
सन् 1816 में अंग्रेजों और गोरखाओं के बीच एक संधि हुई जो कि 'संगोली संधि' कहलाई। 

सन् 1901 में जब ‘संयुक्त प्रान्त आगरा' एवं 'अवध' बना तो उत्तराखंड क्षेत्र को उसी में मिला दिया गया।


भारत को आजादी मिलने के बाद 'आगरा' एवं 'अवध प्रांत' 'उत्तर प्रदेश राज्य कहलाया।
भारत की आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के लोगों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। 
स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् हुए युद्धों में उत्तर प्रदेश के 2334 जवान शहीद हुए जिसमें आधे से अधिक उत्तराखंड से थे। उत्तराखंड में करीब 3 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिक हैं। 
भारतीय सेना में उत्तराखंड की दो रेजीमेंट गढ़वाल रेजिमेंटकुमायूँ रेजिमेंट हैं।