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Architecture of servlet

Architecture of servlet

Architecture of servlet -



Servlet Architecture को three tier mode में application के साथ build किया जाता है।

First tier- इसमें java enabled browser तथा network पर चलने वाला किसी भी plateform का computer या workstation होता है।

Second tier- इसमें servlets होते है, जो कि एक definite protocol पर application को run करते हैं।

Third tier- इसमें data repository होती है, relational database interface जैसे कि JDBC का प्रयोग करके इस tier को access केिया जा सकता है।
Life Cycle of Servlet

Life Cycle of Servlet

Life Cycle of Servlet-


1. init() - यह servlet को initialize करने के लिए बनाया गया है तथा इस method को केवल एक बार call किया जा सकता है, अर्थात कि हर user request पर init() method को call नही होता है।
          init() method वह data create करता है जो कि servlet की पूरी lifecycle में use किया जायेगा।
Example- public void init() throws servlet exception{};

2. Service()- यह main method है, जो कि task को complete करता है, web server , service() method को call करता है उसके बाद service() method द्वारा client की request handle की जाती है तथा service()method ही client को response send करता है।
          Server के पास servlet की request आते ही server एक नई thread generate करता है तथा service()method को call करता है, उसके बाद service()method http request के प्रकार को check कर के उसके अनुसार function को call करता है।

Example- http request यदि GET() की गयी है तो service()method Do GET() Function को करेगा।

3. Destroy() - इस method को servlet की life cycle के end में call किया जाता है।
Destroy() method call करने पर servlet को database connection को stop करने, background thread को halt करने तथा अन्य process करने का chance दिया जाता है।

Example- public void destroy();
Destroy() method के बाद servlet के object garbage collection के लिए mark कर दिए जाते हैं।
Servlets

Servlets

Servlet -

● servlet एक technology है जो कि web application devlopement में use की जाती है।



● servlet एक application program interface है जो कई और interface प्रदान करता है।
● servlet एक class है जो किसी भी प्रकार की request को respond कर सकती है।
● servlet एक web component है, जिनको server पर लगाकर dynamic web pages create किये जा सकते है।
Apache Tomcat Web Server

Apache Tomcat Web Server

Apache Tomcat Web Server-

यह एक open source java servlet container है, जिसको apache software foundation ने devlope किया है।
यह एक http web server environment provide करता है, जिसके अंदर java servlet java server pages तथा java code को run किया जा सकता है।


Component of Tomcat-


(1) Catalina- यह tomcat का servlet container है।

(2) Coyote- यह एक connector component है जो कि http protocol को support करता है।

Coyote incoming connection को TCP port पर handle करके request को tomcat engine के पास send करता है तथा tomcat engine से आने वाले response को client को forword करता है।

(3) Jasper- यह tomcat engine है, जिसका कार्य JSP file को compile करके java code (servlet) में बदलना , ताकि Catalina द्वारा उन्हें process किया जा सके।

(4) Cluster- यह large Application को manage करने के लिए बनाया गया है।




Java Beans and it's Advantages & Disadvantages

Java Beans and it's Advantages & Disadvantages

Java Beans- 

Java bean एक प्रकार की class है जो कि कई सारे objects को encapsulate करके single object में convert करती है।
Bean का महत्व java में reusable software component बनाने के लिए किया जाता है।




Advantages of Java Beans-

(1) Beans की configuration setting को save करके किसी भी point पर restore किया जा सकता है।

(2) Beans के event या method जो कि किसी बाहरी application में use हो रहे हो, को control किया जा सकता है।

(3) Beans को दूसरे object से भी event recieve कराये जा सकते है।

(4) Auxillary software (third party s/w) को java bean को configure करने के लिए help प्रदान की जा सकती है।

Disadvantage of Java Beans-

(1) Java Beans inherntly mutuable है, इसलिए यह immutable object की quality जिसके द्वारा उनकी state को create करने के बाद भी modify किया जा सकता है, को follow नही करती है।

(2) Java Bean को run कराने के लिए BDK(Bean Devlopment kit)  को download तथा install किया जाता है।

● BDK Toolbox के साथ property window भी प्रदान करता है।



Internet cookies

Internet cookies

Internet Cookies क्या है?

            हमारे कंप्यूटर डिवाइस (Desktop और Laptop) में कई प्रकार की फाइलें होती हैं। Cookies भी हमारे कंप्यूटर के  Hard Drive में मौजूद एक सामान्य Text File ही है, जो Web Page Server द्वारा हमारे computer में save हो जाता है। text file होने के कारण इसका File Extension .txt होता है। internet cookies के कई नाम है जैसे -Web Cookies, Browser Cookies और HTTP Cookies.




Cookies का मुख्य काम Server को इस बात की Information दे कर यह सुनिश्चित करवाना है कि Internet User किसी Web Page को दोबारा खोलने या Access करने के लिए वापस लौटा है। कुकीज की help से Internet Users के Data और बहुमूल्य समय दोनों की ही बचत होती है।

Example-
यदि internet पर आपने Google Account के Web Page पर खुद को किसी Service के लिए Register किया है। अगली बार जब आप उस Web Page पर जाकर फिर से वापिस Login करेंगे, या connection establish या Access करते हैं तो आपको सारी Information ( जैसे - E-mail id या User name ) फिर से भरनी नहीं पड़ती है या auto fill हो जाती है। यहीं पर ये Cookies हमारे बहुत काम आती है।दरअसल Cookies हमारे लिए एक तरह के Identification card या पहचान पत्र के रूप में काम करता है।  
वर्तमान समय मे Internet की दुनिया में Advertising Sites और E-Commerce / shoppings Sites के लिए Internet Cookies एक बहुत ही उपयोगी Tool है, जो Internet Surrfing को आसान और तेज बना देता है। Cookies का इस्तेमाल Internet पर Login के लिए Authentication के रूप में किया जाता है। 
Cookies different different प्रकार के होते हैं, जिनके अलग-अलग काम होते हैं।

* session cookies
* persistent cookies
* secure cookies
* HTTP only cookies

internet cookies के value के लिए कई पैमाने (parameters) होते हैं,जैसे name, value,expiry आदि।





Web Server & Application Server

Web Server & Application Server

Web Server- 

Web server एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता है जो Web Pages को Serve करता है, अर्थात वह सॉफ्टवेयर जो Web pages को Users तक पहुंचाता है, Web Server कहलाता है।

यह HTTP (Hyper Text Transfer Protocol) request को support करता है।







Application Server- 

Application Server Software Framework होता है।
यह Web Application बनाने  तथा Server Environment बनाकर Run करने जैसी दोनों Facilities को Provide करता है।